ललिता कोहली
एक शिक्षिका के रूप में समाज सेविका
परिदृश्य बदल रहा है, महिलाओ की भागीदारी सभी क्षेत्रो में उल्लेखनीय रूप से बढ़ रही है | वीमेन एम्पोवेर्मेंट हो रहा है | ये कुछ चुनिन्दा पंक्ति है जो यदा कदा अखबारों में टीवी चेंनेल पर और नेताओ के मुह से सुनी जाती है जबकि समाज में महिलाओ की वास्तविक स्थिति से सभी भली भांति परिचित है | तो क्यू कर रही है ये समाज , महिला सशक्तिकरण का दिखावा ?
महिला सशक्तिकरण के सही अर्थ को खोज रही लाखो महिलाओ में एक चेहरा है श्रीमती ललिता कोहली, जी हाँ उत्तराखंड के छोटे से गाँव देवथल (पिथौरागढ़) में सन 1963 में जन्मी ये प्रतिभाशाली महिला प्राइमरी शिक्षा से ही अपनी विलक्षण प्रतिभा से परिवार एवं समाज को अवगत कराती रही, फिर चाहे वो स्कूल टॉप करना हो या यूनिवर्सिटी |
ये केवल पढाई में ही नहीं बल्कि खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामाजिक कार्य एवं जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अव्वल आती रहीं | इस दौरान इन्होने काफी मुसीबतों का सामना भी किया, जिसमें इनकी पढाई छूटने का खतरा मुख्य था परन्तु इनकी लगन और लक्ष्य प्राप्ति की तीव्र इच्छा के सामने सब तुच्छ प्रतीत हुआ और कुमाऊ यूनिवर्सिटी में अव्वल रहकर उन्होंने स्नातक उत्तीर्ण किया |
सन 1991 में श्री एच. आर. कोहली जी के साथ परिणय सूत्र में बंधी और ललिता आर्य से ललिता कोहली बनी | कोहली जी के रूप में उनको एक ऐसा जीवनसाथी मिला जो उन पुरुषो के लिए आदर्श है जो महिलाओ को केवल खाना बनाने एवं गृहस्थी सँभालने का एक साधन मात्र समझते है |
इसी साथ और सौहार्द का ही परिणाम था कि सन 1992 में जब उनकी निउक्ति गाँव झालाकूढ़ी चलथी, चम्पावत में शिक्षिका के रूप में हुई, जहाँ अपने छोटे से बच्चे एवं सास श्रीमती बसंती देवी जी के साथ घर से दूर रह पाई | उन्होंने केवल स्कूल में पढ़ाने का ही कार्य नही किया अपितु खाली समय में गाँव की अनपढ़ महिलाओ को शिक्षित करके वहाँ की महिलाओ के लिए प्रेरणास्रोत बनी |
पदोन्नति के उपरांत उनकी निउक्ति सितारगंज क्षेत्र के बघौरी प्राइमरी स्कूल में हुई जहाँ उन्होंने बच्चो को पढाई एवं खेलकूद में प्रोत्साहित करके जिला एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से लेकर पुरुस्कार जीतने तक का साहस भर दिया | इसी जुझारूपन एवं कार्य को देखकर क्षेत्र के सभी अधिकारिओ द्वारा उन्हें सवर्श्रेष्ठ शिक्षिका के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया |
श्रीमती ललिता कोहली जी के सामाजिक कार्यो एवं महिला उत्थान में रुचि को देखते हुए, उच्च शिक्षा अधिकारी द्वारा सन 2010 में कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय, सितारगंज में वार्डन का कार्यभार सौपा गया, जहाँ इनकी शायद ज्यादा ज़रूरत थी | बालिका आवासीय परिसर को इन्होने छात्राओं की सुविधा एवं विकास के अनुरूप व्यवस्थित किया है तथा उनकी प्रत्येक ज़रुरतो को ध्यान में रखा जाता है | छात्राओं के सम्पूर्ण विकास को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के शैक्षिक कुशलता एवं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण नियमित रूप से दिया जाता है, साथ ही शिक्षा, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं हस्तकला में छात्राए जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओ में लगातार हिस्सा लेकर अव्वल आ रही इन गरीब बेटियों के लिए ललिता कोहली जी केवल उनकी शिक्षिका ही नहीं वरन उनकी माँ समान है जिनको वह हर सुख-दुःख में अपने साथ खड़ा पाती है | और समाज में अपनी प्रभावी भूमिका के लिए स्वयं को तैयार कर रही इन छात्राओं के परिवारजन भी इनके बढ़ते कदम से गर्वान्वित होते हुए ललिता कोहली जी का आभार व्यक्त करते है | क्योंकि “अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता है तब, एक आदमी ही शिक्षित होता है लेकिन जब एक ओरत को शिक्षित किया जाता है तब एक पीढ़ी शिक्षित होती है” इन कार्यो में क्षेत्र के सभी छोटे बड़े अधिकारियों एवं उद्योगपतियों का योगदान सराहनीय है | आज समाज को ज़रूरत है इनकी जैसी शिक्षिका एवं समाजसेवी की जो शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित न करके व्यावहारिकता से छात्रो का परिचय करवाए, उन जगहों का भ्रमण करवाकर उनसे सम्बंधित तथ्यों को भी परिभाषित करे जो किताबो में पढाया जाता है |
“कोई भी देश यश के शिखर पर तब तक पहुँच सकता जब तक उस देश की महिलाये कंधे से कन्धा मिलकर न चले” 5 shitambar 2022 ko lalita Kohli ko unke dawara kiye gaye paryashou se Sitarganj bilok se utkirsht sick ke liye chuna gaya. 14 ,15 16, shitambr kobilok reli khelkud prtiyogita mai shamuhgan prtiyogita mai parathm sthan paraptkart kiya kgbvki balikaou ne tathaloknirtau mai 1st aaye 17 shitambr ko khelmhaumbha mai ander 14 nethard pojishn andar17 nekabbddi 2secnd pojition parapta ki andr17 ne balibal mai second pojition prapt ki or vidhyala agrshr ki or hai 2aktubr ko lalita kohli dwara ramdhi uthjagmushafir bhor bhayo ab rain kaha jo sowt hai or bhajnou ki dhunoi se watawrn ko aanadit kiya gaya 14 nwmbr ko bigaym mhotsaw mai balikaou ne prtibhag kiya aaj bhart vikash prishad dawara bhart jano prtiyogita kgbv ki 9 10 ki 5 tatha 678 ki 5 balikaou 1 prtham sthan prapt kiya hai