
प्रस्तवना : उत्तराखंड राज्य के उधम सिंह नगर जिले की सितारगंज तहसील अनेकता में एकता की मिसाल है | यहाँ विभिन्न धर्मो के लोग आपसी भाईचारे के साथ रह कर राज्य के विकास में अपना योगदान दे रहे है | सितारगंज विकास खंड के मूल निवासी थारू जनजाति है इसके अलावा यहाँ विभिन्न प्रान्तों एवं जनपदों से ए लोग निवास करते हैं जिनमे मुख्यतया पर्वतीय समाज, पंजाबी, बंगाली एवं मुस्लिम है | यहाँ थारू, बुक्सा, भोटिया जनजाति भी हैं |
समाज के कुछ वर्ग अत्यंत कमजोर एवं निर्धन है | जिनकी जीविका एवं भरण पोषण मेहनत मजदूरी से चलती है | इसी वर्ग की लडकियां अपने माता-पिता के साथ मजदूरी एवं छोटे बच्चो की देखरेख में रह जाती है जो मुख्यतया बालिका शिक्षा से वंचित रह जाती है | कुछ बालिकाए बीच में ही पारिवारिक आर्थिक स्थिति ठीक न होने से स्कुल छोड़ देती हैं | इन विषम परिस्थितियों के कारण सितारगंज विकासखंड की बालिका शिक्षा साक्षरता दर कम है | बालिका शिक्षा विकास दर बढ़ाने हेतु सितारगंज विकास खण्ड में भारत सरकार द्वारा क0गाँ0आ0बा0वि0 की स्थापना की गयी हैं |
अब विद्यालय छोड़ चुकी बालिकाए पुनः इस विद्यालय में बिना परिवार की आर्थिक मदद के पूर्ण रूप से आवासीय विद्यालय में रहते हुए भोजन, ड्रेस, दैनिक सामग्री, कॉपी किताब निशुल्क प्राप्त करते हुए शिक्षा जारी रख सकते हैं
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